Uttarakhand News: हरेला पर्व पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी शुभकामनाएं, कहा- यह हमें अपनी परम्पराओं से जुड़े रहने का संदेश दता है…


देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामना दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करने के साथ लोक संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है। हरेला पर्व को सुख, समृद्धि एवं सौहार्द का प्रतीक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पर्व हमें अपनी परम्पराओं से जुड़े रहने का भी संदेश देता है।

अध्यात्म और संस्कृति के लिए विख्यात

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व हमें अपनी धरती और पर्यावरण की देखभाल के प्रति भी प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध और स्वस्थ वातावरण देने के लिए वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। देवभूमि उत्तराखण्ड अपने धर्म, अध्यात्म और संस्कृति के लिए विख्यात है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता हर किसी को आकर्षित करती है। इसलिए, पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमें अपने जल स्रोतों, नदियों और गदेरों के पुनर्जीवन और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।

हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान

उन्होंने कहा कि हमारे लोक पर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान हैं। राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से प्रयास करने होंगे। तभी हम अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक जड़ों से जुड़े रह पाएंगे और इसे अगली पीढ़ी तक पहुंचा पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप हरेला पर्व के साथ ही एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर यह पौधरोपण अभियान चलाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हरेला पर्व पर पूरे प्रदेश में एक ही दिन में 05 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। जिसमें से गढ़वाल मंडल में 03 लाख और कुमाऊं मंडल में 02 लाख पौधे रोपण का लक्ष्य रखा गया है। इस बार हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ और एक पेड़-माँ के नाम की थीम पर यह पौधरोपण आयोजित किया जाएगा। पूरे माह इस पर्व के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस पौधरोपण अभियान की सफलता में ग्रामीणों से लेकर स्कूली छात्र और विभिन्न विभागों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी।

इस अभियान के तहत सार्वजनिक स्थानों, वनों, नदियों, गाड, गदेरों के किनारे, स्कूलों, कॉलेज, विभागीय परिसर, सिटी पार्क, आवासीय परिसर में पौधरोपण किया जाएगा। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, विभागीय कर्मियों, एनसीसी, एनएसएस के साथ ही आमजनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें। उन्होंने इस दिशा में जन सहभागिता को महत्वपूर्ण बताते हुए सभी सामाजिक संगठनों और संस्थाओं से भी सहयोग की अपील की है।

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